RBI LOAN: हालही के कुछ सालों में देश में लोन की डिमांड दिनो-दिन बढ़ती जा रही है, और इसी के दौरान लोन रिकवरी एजेंट की भी संख्या बढ़ रही है. जिसकी वजह से अधिकतर लोन रिकवरी एजेंट लोगों को बार-बार कॉल करके काफी परेशान करते हैं और ऐसे भी कई मामले देखने को मिलते है लोन रिकवरी एजेंट रात को भी कॉल करते हैं जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करता करना पड़ता है। आज के इस न्यूज़ रिपोर्ट में हम बात करेंगे. कि आरबीआई (RBI) ने अभी हाल ही में एक नया नियम लागू किया है उसके बारे में विस्तार से आपको बताएंगे। यदि आपने भी लोन लिया है और आपको लोन रिकवरी एजेंट रात को भी कॉल करकें परेशान करता है तो यह न्यूज़ आपके लिए काफी मददगार साबित होगी। तो आइए जानतें यदि आपको लोन रिकवरी एजेंट रात बार-बार कॉल करें तो आपको क्या करना है।
क्या है आरबीआई का नया नियम
लोन लेने के बाद यदि कोई व्यक्ति लोन की किस्त टाइम पर क़िस्त नही चूकता तो बैंक और लोन एजेंट उधारकर्ता को बार-बार कॉल करके परेशान करना शरु कर देती हैं और अधिकतर मामले में तो वह रात को भी कॉल करके परेशान करते हैं लेकिन अब RBI के इस नए नियम के बाद कोई भी लोन एजेंट रात के 7:00 बजे के बाद कॉल नही कर सकता है।
आपको बता दे की जानकारी यह भी मिली है कि “आरबीआई (RBI) के ‘जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता पर मसौदा निर्देश’ में कहा है कि बैंकों और एनबीएफसी जैसी रेगुलेटेड एंटिटीज (RE) को मुख्य प्रबंधन कार्यों को आउटसोर्स नहीं करना चाहिए। बतादें इनमें पॉलिसी का निर्माण और केवाईसी मानदंडो के अनुपालन का निर्धारण और कर्ज की मंजूरी भी शामिल है।
लोन लेने वाले या परिजनों को अपमानित करने पर नकेल
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने साफ कहा है कि कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान/लोन एजेंट अपने लोन की वसूली के लिए उधारकर्ता को अपमानित न करें. RBI के इस नियम के बाद अब कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मौखिक या शारीरिक रूप से किसी भी प्रकार की धमकी या उत्पीड़न का सहारा नहीं ले सकंगे। आपको बतादें इस नियम में सार्वजनिक रूप से अपमानित करने या परिवार के सदस्यों और देनदारों या उनके गारंटरों की गोपनीयता में हस्तक्षेप करने का इरादा भी शामिल कियें गयें है।
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रिकवरी एजेंट को उधारकर्ता के साथ संवेदनशील होना चाहिए
RBI ने यह भी कहा है कि लोन रिकवरी एजेंट को उधारकर्ता संवेदनशील होना चाहिए, RBI ने निर्देश भी दिया है कि Res को यह भी सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आउटसोर्सिंग व्यवस्था से ग्राहकों के प्रति उनकी जिम्मेदारी कम ना हो। और बैंकों या एनबीएफसी को डायरेक्ट सेल्स एजेंट और वसूली एजेंट के लिए कोड ऑफ कंडक्ट बनानी चाहिए। इसके अलावा यह भी ध्यान देना चाहिए कि वसूली करने वाले एजेंट या डायरेक्ट सेल एजेंट को अच्छे से प्रशिक्षित करना चाहिए। ताकि आगे चलकर वह अपनी जिम्मेदारी संवेदनशीलता के साथ निभा सके।